इसके पहले वाले अध्याय में हमने हस्त रेखा शास्त्र संक्षेप में के पेज १ में जाना कि इसकी सहायता से कैसे आप short में इसको सीख सकते हैं और सही परिणाम दे सकते हैं। इसके आलावा हस्त-परीक्षा के नियम और स्वास्थ्य हाथ की पहचान के बारे में भी पिछल अध्याय में बताया गया है।
यह अध्याय पिछले अध्याय के ही आगे का भाग है उसमे रेखाओं व पर्वतों के मुख्य संयोग का यह दूसरा पॉइंट है "व्यवसाय से धनलाभ व्यक्ति को कौन-कौन से कामों से होगा व रेखाओं और पर्वतों की कैसी स्थिति बनने पर क्या प्रभाव होगा।
# व्यवसायी (Businessman) –
- बुध पर्वत का प्रबल होना।
- अँगुलियों की लम्बाई हथेली से अधिक होना।
- कनिष्ठिका और अंगूठे का लम्बा और साथ ही उनका पहले पोर का भी लम्बा होना।
- भाग्य रेखा से किसी शाखा का बुध पर्वत तक पहुँचाना।
- सूर्य-रेखा, भाग्य-रेखा व मस्तिष्क-रेखा का दोषमुक्त होना।
# वैज्ञानिक (Scientist) –
- बुध पर्वत का प्रबल और उस पर चार-पांच स्पष्ट रेखाओं का होना।
- जीवन-रेखा से एक रेखा का गुरु पर्वत पर जाना और एक रेखा का चन्द्र पर्वत को छूना।
- भाग्य-रेखा व सूर्य-रेखा का स्पष्ट और सुन्दर दिखना।
# चिकित्सक (डॉक्टर) – कुछ स्थितियां जिनमे व्यक्ति चिकित्सक होता है।
- शुक्र, चन्द्र व गुरु पर्वतों का उन्नत होना।
- बुध पर्वत का उन्नत होने के साथ उस पर तीन छोटी खड़ी रेखाएँ होना।
- सूर्य रेखा प्रबल हो, बुध पर्वत पर तीन खड़ीं रेखाएँ होना और साथ ही चन्द्र क्षेत्र का उन्नत होना इस बात का संकेतक है कि व्यक्ति फिजीशियन होगा।
- सूर्य-रेखा प्रबल, बुध पर्वत पर तीन खड़ीं रेखाएँ और साथ ही उन्नत मंगल पर्वत होने पर व्यक्ति सर्जन होता है।
- सूर्य-रेखा, हृदय-रेखा व मस्तिष्क-रेखा का प्रबल होना।
- अँगुलियों की प्रथम गाँठ का पुष्ट होना।
# कलाकार (Artist) –
- सूर्य पर्वत व सूर्य रेखा का प्रबल या उन्नत और स्पष्ट दिखाई देना।
- अंगुलियों का नुकीला, लम्बा और गांठदार होना।
- चन्द्र पर्वत का प्रबल या उन्नत होना।
# अभिनयकर्ता (Actor) – अभिनयकर्ता व्यक्ति के हाथ पर पर्वतों और रेखाओं की स्थिति।
- शुक्र पर्वत का उन्नत होना।
- कलाकार आकृति का हाथ होना।
- बुध पर्वत का उन्नत होना।
- मस्तिष्क-रेखा से एक रेखा का बुध पर्वत को छूना।
# न्यायाधीश (Judge) – व्यक्ति के न्यायाधीश होने की स्थितियां।
- अँगुलियों का लम्बा होना।
- सूर्य पर्वत का प्रबल या उन्नत होना।
- तर्जनी सीधी होना।
- हथेली में चतुष्कोण और साथ ही हथेली का बड़ा होना।
- कनिष्ठिका के पहले पर्व का लम्बा होना।
# ज्योतिषी (Astrologer) – कुछ स्थितियां जो व्यक्ति के ज्योतिषी होने की और संकेत करती हैं।
- गुरु मुद्रिका का होना।
- अँगुलियों का लम्बा और प्रथम और द्वितीय पर्व या पोर का उन्नत होना।
- गुरु पर्वत पर रेखा का होना।
- बुध, शुक्र और शनि पर्वत का उन्नत होना।
- मस्तिष्क-रेखा भाग्य-रेखा के सहयोग से त्रिकोण या चतुष्कोण का बनना।
- मस्तिष्क रेखा का प्रबल और चन्द्र पर्वत से किसी रेखा का मिलना।
# इष्ट साधक (Ishta Sadhak) –
- भाग्य-रेखा, मस्तिष्क-रेखा और जीवन-रेखा मिल कर हथेली में त्रिकोण की आक्रति का निर्माण करें।
# विद्या योग (Vidya Yoga) –
- किसी रेखा का जीवन से रेखा से होते हुए गुरु पर्वत को छूना।
- सूर्य पर्वत, गुरु पर्वत और बुध पर्वत का प्रबल या उन्नत स्थिति में होना।
# साहित्यकार (Litterateur) –
- मस्तिष्क-रेखा चन्द्र पर्वत की तरफ झुकी हुई हो।
- कनिष्ठिका का पहला पोर या पर्व लम्बा हो।
- अँगुलियों के सिरे चौकोर और कोमल हों।
# लेखक (Author) –
- सूर्य पर्वत प्रबल होने के साथ सूर्य रेखा भी प्रबल और स्पष्ट हो।
- मस्तिष्क रेखा शाखायुक्त व सुन्दर हो और उसकी एक शाखा चन्द्र पर्वत की और झुकी हुई हो।
Next - Palmistry in short (Page-3)
Comments