Surya Rekha ke Vishesh gun-dosh in Palmistry

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हस्त रेखा विज्ञान में सूर्य रेखा के विशेष-गुण
(Special properties of the Sun Line in Palmistry)


पिछले दो अध्याय में हमने सूर्य रेखा के बारे में जाना उसकी पहचान, उसका विभिन्न स्थानों से प्रारंभ होने पर क्या प्रभाव होते हैं आदि। अब इस अध्याय में जानते हैं कि हस्त रेखा विज्ञान में सूर्य रेखा के विशेष-गुण कौन-कौन से होते हैं और उनका व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव होता है अर्थात वो क्या दर्शाती हैं।



विशेष-गुण (Special properties)


# मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर्वत की ओर जाये और सूर्य पर्वत प्रबल हो तो व्यक्ति लेखन कार्य में सफल रहता है और साथ ही अपनी कल्पनाशक्ति के कारण अन्य कार्य-क्षेत्र में भी सफल रहता है।

# सूर्य रेखा का प्रबल होना, मस्तिष्क रेखा का सही स्थिति में न होना और साथ ही अनामिका और मध्यमा अंगुलियाँ बराबर होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति भाग्य-परीक्षक खेलों जैसे जुआ, सट्टा, लॉटरी आदि में विशेष रुचि रखता है वह कार्यों को करने में जोखिम लेने की आदत वाला होता है।

# गहरी और स्वच्छ सूर्य-रेखा, गुरु पर्वत व शुक्र पर्वत प्रबल और मस्तिष्क रेखा सीधी हो तो व्यक्ति के जीवन में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त करता है और अपने लक्ष्य तक पहुँचता है।

# प्रबल सूर्य रेखा और गुरु, बुध वशुक्र पर्वत की स्थति भी अच्छी हों, तो व्यक्ति पारिवारिक और राजनैतिक क्षेत्र में विशेष रूप से सफल होता है। 

# सूर्य रेखा खंडित या टूटी-फूटी नजर आये तो जहाँ से खंडित हुई है उस स्थान की आयु में मान-सम्मान, धन व यश में कमी देखने को मिलती है परन्तु जहाँ से रेखा टूट रही हो व उसके पास से कोई अन्य रेखा निकले तो व्यक्ति घात से बच जाता है और अपना गवाया हुआ मान-सम्मान, धन, यश व प्रतिष्ठा वापस प्राप्त कर लेता है।

# यव का चिन्ह सूर्य रेखा पर बनने पर, जहाँ वह यव का चिन्ह बनता है उस आयु में गलत संगति में फंसता है और धन को बर्बाद करता है।

# सूर्य-रेखा, हृदय-रेखा और मस्तिष्क-रेखा के साथ मिलकर त्रिभुज की आकृति का निर्माण करे तो व्यक्ति को हर क्षेत्र में यश, प्रतिष्ठा और मान मिलता है और वह कीर्तिमान बनता है।

# लहरदार सूर्य रेखा होने पर व्यक्ति के जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं।

# गुणक का निशान सूर्य रेखा के अंतिम छोर पर हो और हृदय रेखा सही स्थिति में नहीं हो तो व्यक्ति की बोलचाल की भाषा अच्छी नहीं होती और वह व्यर्थ ही किसी कार्य में समय व्यतीत करता है।  

# सूर्य रेखा का अंतिम छोर दो भागों में विभक्त होना अच्छे शकुन को दर्शाता है। व्यक्ति का बुढ़ापा अच्छे से गुजरता है और उसे मान-सम्मान, यश और धन की प्राप्ति होती है।

# इस रेखा के अंतिम छोर पर कई रेखाएँ दिखें तो यह व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी को दर्शाता है वह हमेशा कल्पनालोक में रहता है और अवसर की तलाश में भटकता रहता है। व्यक्ति हर कार्य के विषय में स्वयं दोषी होता है।

# सूर्य रेखा का पतला होना बतलाता है कि कल्पनालोक में हवाई किले बनाता रहता है और उसकी जिज्ञासा भी समाप्त नहीं होती।


 

Author : Read Rife

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