पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करने के धार्मिक और स्वास्थ्य लाभ दोनों माने जाते हैं। हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व है और इसे पवित्र माना जाता है। यहाँ पर पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करने के कुछ प्रमुख लाभ बताए गए हैं:
पुण्य की प्राप्ति: पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह माना जाता है कि इससे व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु और शिव की कृपा: पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु और शिव का निवास स्थान माना जाता है। 108 परिक्रमा करने से भगवान विष्णु और शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धन और समृद्धि: धार्मिक मान्यता है कि पीपल की 108 परिक्रमा करने से व्यक्ति के जीवन में धन, समृद्धि और सुख-शांति आती है।
कर्म सुधार: यह माना जाता है कि पीपल की परिक्रमा करने से व्यक्ति के पूर्व जन्म के कर्मों का सुधार होता है और उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
स्वास्थ्य में सुधार: पीपल का पेड़ दिन में अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है। इसकी परिक्रमा करने से शुद्ध ऑक्सीजन का सेवन होता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है।
मानसिक शांति: परिक्रमा करने से मानसिक शांति मिलती है। यह एक प्रकार का ध्यान है जो मन को शांत और स्थिर करता है।
रक्तचाप नियंत्रण: नियमित रूप से पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से रक्तचाप में सुधार होता है। यह हृदय संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक है।
दमा और अस्थमा में लाभ: पीपल के पेड़ के पास की हवा दमा और अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसकी परिक्रमा से श्वास संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है।
विशेष अवसर: पीपल के पेड़ की परिक्रमा विशेष अवसरों पर की जाती है, जैसे कि शनि अमावस्या, पूर्णिमा, और अन्य धार्मिक त्योहारों पर।
सात्विक आहार: परिक्रमा के समय सात्विक आहार का पालन करना और पवित्रता बनाए रखना महत्वपूर्ण माना जाता है।
पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करने के धार्मिक और स्वास्थ्य लाभ अनेक हैं। यह न केवल व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति लाता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। इसलिए, पीपल की परिक्रमा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी अनुष्ठान माना जाता है।
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