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Parvat or Grih-Kshetra in Palmistry

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हस्त रेखा शास्त्र में पर्वत या ग्रह-क्षेत्र
(Parvat or Grih-Kshetra in Palmistry)


पर्वत या ग्रह-क्षेत्र की पहचान - व्यक्ति के हाथ की हथेली पर विभिन्न क्षेत्रों के उभारों को ग्रह-क्षेत्र या पर्वत कहते हैं। ग्रह-क्षेत्रों के आधार पर हथेली को दस भागों में विभाजित किया गया है।

हथेली की त्वचा के ऊपर फैली हुई अति सूक्ष्म धारियाँ, पर्वतों या ग्रह-क्षेत्र को विभाजित करने का कार्य करती हैं। सुडौल व सुन्दर दिखने वाले पर्वत अच्छे गुणों को और जबकि समतल दिखने वाले पर्वत अच्छे गुणों के संकेतक नहीं होते। पर्वतों या ग्रह-क्षेत्रों की बनावट, आकार, गठन व सम्बन्ध के आधार पर किसी व्यक्ति के आचरण, उसकी भावनाओं, और उसके व्यवहार का अध्ययन किया जा सकता है और इन सभी के बारे में परिणाम निकाला जा सकता है या कोई निर्णय लिया जा सकता है।


पर्वत या ग्रह-क्षेत्र के प्रकार
(Type of Mountains)


# गुरु-पर्वत – तर्जनी अँगुली के नीचे का भाग

# शनि-पर्वत – मध्यमा अँगुली के नीचे का भाग

# सूर्य-पर्वत – अनामिका अँगुली के नीचे

# बुध-पर्वत – कनिष्ठिका अँगुली के नीचे

# मंगल-पर्वत (प्रथम) – हृदय और मस्तिष्क रेखा मध्य

   मंगल-पर्वत (द्वितीय) – गुरु-पर्वत के नीचे और शुक्र पर्वत के ऊपर

# चन्द्र-पर्वत – मंगल-पर्वत प्रथम के नीचे मणिबंध तक

# शुक्र-पर्वत – मंगल-पर्वत द्वितीय के नीचे और चन्द्र-पर्वत के विपरीत 

# राहु-पर्वत – मस्तिष्क-रेखा के नीचे से हथेली के मध्य भाग तक 

# केतु-पर्वत – राहु-पर्वत के नीचे से मणिबंध तक


 

Author : Read Rife

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