स्वास्थ्य रेखा की पहचान (health line identification) – कलाई या मणिबंध (Wrist) से शुरू हो कर और बुध पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को ‘स्वास्थ्य रेखा’ कहा जाता है। इस रेखा को ‘बुध-रेखा’, ‘आरोग्य रेखा’, ‘लाइफ ऑफ़ लीवर’ या ‘लाइन ऑफ़ हिप्तटिका’ के नाम से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य रेखा, जीवन रेखा को छुए बिना और शुरू से अंत तक सीधी बुध पर्वत तक जाए तभी अच्छी रेखा कहलाती है। इस रेखा का जीवन रेखा से सबसे अधिक होता है और साथ ही इसका सम्बन्ध तंत्रिका-संस्थान और मस्तिष्क से भी होता है। स्वास्थ्य रेखा के माध्यम से पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति किस तरह का समय व्यतीत कर रहा है इस वजह से इस रेखा में परिवर्तन देखने को मिलता है।
# स्वास्थ्य-रेखा, हृदय व मस्तिष्क रेखा के मध्य गहरी दिखाई दे और साथ ही मस्तिष्क रेखा पर द्वीप का चिन्ह हो तो ऐसा व्यक्ति मानसिक रोगों से पीड़ित होता है।
# स्वास्थ्य रेखा की एक शाखा का हृदय रेखा से मिलने के साथ ये दोनों रेखाएँ गहरी हों और स्वास्थ्य रेखा, नीचे जीवन-रेखा को छुए तो व्यक्ति हृदय रोगी होता है उसमे हृदय से सम्बंधित रोग होते हैं।
# व्यक्ति जिगर (यकृत या Liver) के रोगों से पीड़ित होता है अगर स्वास्थ्य रेखा छोटे-छोटे टुकड़ों से मिलकर बने तो।
# नाखून छोटे व गोल व उन पर चंद्राकार सफेद निशान न होना और साथ ही साथ स्वास्थ्य रेखा का गहरा होना व्यक्ति के हृदय रोग से ग्रस्त होने की ओर संकेत करता है।
# नाखूनों का सीप आकार का होना और साफ होना और साथ ही स्वास्थ्य रेखा भी गहरी हो तो व्यक्ति को लकवा (Paralysis) रोग का शिकार होता है।
# अगर स्वास्थ्य रेखा पर अनेक रेखाओं का जाल जैसा दिखे तो समझ जाये कि व्यक्ति को यकृत या लीवर की बीमारी है।
# अनेक पतली-पतली रेखाओं का जाल स्वास्थ्य रेखा पर हो तो ऐसे लोग स्नायविक रोग (Neurological Disease) से पीड़ित होते हैं।
# अगर स्वास्थ्य रेखा के प्रारंभ में लाल बिंदु दिखे तो ऐसा व्यक्ति जीवन भर बीमार रहता है।
# स्वास्थ्य रेखा के अंतिम छोर पर लाल बिंदु इस बात का संकेतक है कि व्यक्ति सिरदर्द से परेशान रहता है।
# अगर पूरी स्वास्थ्य रेखा पर लाल बिंदु दिखते हैं तो व्यक्ति गुप्तांगों के सम्बंधित रोगों से ग्रसित होता है।
# रेखा का चन्द्र पर्वत से हो कर बुध पर्वत तक जाना यह बताता है कि व्यक्ति विदेश यात्रा करता है।
# रेखा बुध पर्वत पर कटे तो वह व्यक्ति पित्त रोग (Gall disease) से पीड़ित रहता है।
# स्वास्थ्य रेखा पर छोटी-छोटी आड़ी (horizontal) लाइन दिखें तो व्यक्ति तीव्र उदर रोग (Stomach Disease) और ज्वर (Fever) व आंतों (Intestines) का रोगी होता है।
# अगर स्वास्थ्य रेखा का हृदय रेखा पर क्रॉस का निशान बनाना यह बतलाता है कि उस आयु में व्यक्ति के पेट का आपरेशन (operation) होगा।
# अगर तर्जनी अँगुली का तीसरा पर्व छोटा और पुष्ट हो और स्वास्थ्य रेखा पर बिंदु हो तो व्यक्ति द्वारा जहरीला या विषाक्त भोजन किये जाने की सम्भावना हो जाती है।
# स्वास्थ्य रेखा से कोई शाखा अर्धवृत्त जैसा बनाती हुई मंगल पर्वत की तरफ जाये तो व्यक्ति सफल भविष्यवक्ता होता है।
# स्वास्थ्य रेखा का सूर्य रेखा से मिलना या संकेत देता है की व्यक्ति में कई तरह की योग्यताएं विद्दमान हैं और साथ ही उसकी कार्य क्षमता भी अधिक है।
# यदि स्वास्थ्य रेखा बुध पर्वत से मुड़ कर शुक्र क्षेत्र तक पहुंचे तो ऐसे व्यक्ति प्रेमसंबंध के मामले में सफल नहीं रहते और इसके लिए वह आत्महत्या जैसा गलत कदम उठाने की भी सोच लेते हैं।
# अगर स्वास्थ्य रेखा पर द्वीप का चिन्ह है तो व्यक्ति को फेंफड़े (Lungs) का रोग है।
# यदि तारे की आकृति स्वास्थ्य रेखा पर दिखे तो व्यक्ति को पारिवारिक सुख की प्राप्ति नहीं होती।
# दोहरी स्वास्थ्य रेखा और उसकी एक शाखा सूर्य पर्वत तक जाए तो व्यक्ति राजनैतिक क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करता है।
# जीवन रेखा के किसी बिंदु पर स्वास्थ्य रेखा मिलती है और दो वे दो भागों में विभक्त हो जाये तो व्यक्ति को श्वास सम्बन्धी बीमारी होती है।
# स्वास्थ्य रेखा, प्रणय रेखा से मिले तो व्यक्ति का जीवन साथी जीवन भर रुग्ण या बीमार रहता है।
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