कलाकार हाथ किस तरह से पहचान सकते हैं इसके लिए इनके बारे में कुछ जानते हैं और साथ ही जानेगे कि ऐसे हाथ वाले व्यक्तियों का स्वाभाव किस तरह का होता है और उनके अन्दर कौन कौन से गुण पाए जाते हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि इन्हें कैसे पहचान सकते हैं-
- इस प्रकार के हाथों की अंगुलियाँ लम्बी और नुकीली होती हैं।
- सूर्य पर्वत वाली अँगुली सीधी होती है।
- हाथ की लम्बाई और चौड़ाई मध्यम होती है।
- शुक्र, सूर्य, बृहस्पति और चन्द्र प्रधान होते हैं।
इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति डिज़ाइनर, संगीतकार, नर्तक(डांसर), साहित्यकार, कलाकार, उपदेशक हो सकते हैं।
कलाकार हाथ (Artist Hands) वाले व्यक्तियों का स्वाभाव –
- कलाकार हाथ वाले व्यक्ति स्वाभाव से अत्यंत कल्पनाशील एवं अत्यंत बुद्धिमान होते हैं।
- ये स्वयं को हर स्थिति में सामान्य रखने की कोशिश करते हैं।
- कलात्मक चीजों का संग्रह करना इनको अच्छा लगता है और इनके बोल-चाल का तरीका, रहन-सहन, इनके काम करने का तरीका और घर की सजावट में हमेशा कलात्मकता दिखाई देती है।
- ये अत्यंत आत्मसम्मानी और स्वयं को बुद्धिमान समझते हैं।
- चूँकि कलाकार हाथ वाले व्यक्ति किसी के अधीन कार्य करना पसंद नहीं करते इसलिए स्त्री पक्ष (स्त्रियों के लिए पुरुष पक्ष) से इनकी कभी नहीं बनती।
- ऐसे व्यक्ति 30 साल की उम्र के बाद ही कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।
- ये हर काम की दोहरी योजना बना कर चलते हैं।
- अगर ऐसे व्यक्तियों के काम की प्रशंसा की जाये तो ये लगन से कार्य करते हैं जब तक वो कार्य पूर्ण नहीं हो जाता।
1. कलाकार हाथ के साथ साथ अगर शुक्र पर्वत उच्च हो तो व्यक्ति का कला एवं स्त्री-पक्ष (स्त्रियों का पुरुष पक्ष) की तरफ विशेष झुकाव होता है। अगर शुक्र और चन्द्र पर्वत निर्बल हों तो इनकी कल्पना शक्ति अधिक होती है। कलाकार होते हुए भी इनका झुकाव वासना की तरफ विशेष रूप से होता है अतः हर समय वासना की भावना बुद्धि में आती जाती रहती है। और इसी वासना के कारण ऐसे व्यक्ति हर क्षेत्र में असफल हो जाते हैं।
2. हाथ में सूर्य रेखा तथा सूर्य पर्वत प्रबल हो तो ऐसे व्यक्ति के लिए सब कुछ संभव होता है ऐसे लोग हर प्रतियोगिता में सफल, दृढ़ निश्चयी, निडर, प्रसिद्ध होने के साथ साथ ही इनके बहुत सारे प्रशंसक भी होते हैं। इनकी अध्ययन में विशेष रूचि होती है। ये बेकार की बातों पर ध्यान नहीं देते और उच्च कोटि के विचारक तथा कलाकार होते हैं।
3. अगर इनके हाथ में बृहस्पति(गुरु) पर्वत प्रबल हो तो व्यक्ति धर्मनिरपेक्ष, सफल अध्यापक, डायरेक्टर या अच्छा साहित्यकार होता है। ऐसे व्यक्ति पहली ही मुलाकात में लोगों को खुद का मित्र या प्रशंसक बनाने में माहिर होते हैं इसलिए इनका अधिक समय मित्रों और प्रशंसकों में ही गुजरता हैं और इसके फलस्वरूप इनकी घर वालों और सम्बन्धियों से कम ही बनती है। परन्तु सामाजिक दृष्टि से ये प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं और धनवान होते हैं।
4. अनामिका (आखिरी या सबसे छोटी अँगुली के बगल वाली अँगुली) अगर मध्यमा की तरफ झुकी हो तो व्यक्ति जल्दबाज, कल्पनाशील और कम सहनशक्ति वाला होता है। कभी कभी ये नाटक, एकांकी जैसे कलात्मक आयोजन करवाते रहते हैं। इनकी विचार शक्ति अधिक नहीं होती और इनका जीवन अत्यंत परिवर्तनशील होता है। बहुत ज्यादा बोलते हैं और जल्दी गुस्सा करने वाले होते है अर्थात गर्म स्वाभाव के होते हैं। कलात्मक तरीके से चुगली करना इनके स्वाभाव की उल्लेखनीय विशेषता है।
5. ऐसे हाथों अगर अनामिका और तर्जनी गांठदार हो तो व्यक्ति हर क्षेत्र में सफल, धनवान और प्रसिद्ध होता है। ऐसे लोग नाटक में रूचि रखने वाले, गंभीर, सरल व नम्र स्वाभाव के होते हैं ये अच्छे कलाकार, निशानेबाज, खेलकूद में सफल होते हैं।
इसमें हमने जाना कि कलाकार हाथ कैसे दिखते हैं और ऐसे हाथ वाले लोग किस स्वाभाव के होते हैं और उनके अन्दर कौन कौन से गुण होते है।
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