Palmistry in short-5

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हस्त रेखा शास्त्र संक्षेप में-५
(Palmistry in short-5)


यह हस्त रेखा शास्त्र संक्षेप में का पेज 5 है इसके पहले चार और अध्याय में हस्त रेखा शास्त्र के कुछ बिन्दुओं का विवरण कर चुके हैं।  इसके पिछले अध्याय में जाना व्यवसाय से धनलाभ किसको और किस स्थिति में होता है, प्रेम संबंधो में क्या स्थितियां बनती हैं और किस रोग के लिए रेखाओं और पर्वतों की स्थिति क्या होती है। इस अध्याय में रेखाओं व पर्वतों के मुख्य संयोग का पांचवा पॉइंट दिया गया है इसमें रेखाओं और पर्वतों के माध्यम से बनने वाले विशेष योग बताये गए हैं। 


रेखाओं व पर्वतों के मुख्य संयोग के विशेष-योग
(Special combination of Lines and Mountains)


# विवाह में धन प्राप्ति (Getting money in marriage) –

- गुरु पर्वत पर नक्षत्र (star) का निशान और साथ ही उसका उन्नत होना।

- विवाह-रेखा का सूर्य पर्वत को छूना।

- विवाह-रेखा पर त्रिकोण का निशान दिखना।

# दीर्घायु (Long Life) –

- हाथ की अंगुलियाँ लम्बी होना।

- जीवन रेखा का सुन्दर व स्पष्ट होना।

- हृदय रेखा भी सुन्दर व स्पष्ट हो।

# उच्चाभिलाषी (high-spirited) – 

- एक रेखा का शुक्र पर्वत से निकलकर दोनों रेखाओं को कर के त्रिकोण की आकृति बनाना।

- मस्तिष्क-रेखा व जीवन-रेखा का उद्गम स्थल पर मिलना।

# दारिद्रय योग (Poverty yog) – 

- भाग्य-रेखा व जीवन-रेखा के शुरू में ही नक्षत्र (star) का निशान होना।

- अंगूठे के द्वितीय पोर या पर्व पर नक्षत्र (Star) का निशान दिखाई देना।

- मंगल पर्वत पर नक्षत्र का निशान दिखना।

- भाग्य-रेखा का श्रृंखलाकार होना।

- दो-तीन रेखाओं का मणिबंध से शरू हो कर चन्द्र क्षेत्र की तरफ जाती हुई और स्वास्थ्य-रेखा से मिल जाना। 

# जुआरी (Gambler) –

- सूर्य रेखा का स्पष्ट होना।

- अनामिका अँगुली का मध्यमा अँगुली के बराबर होना।

- मस्तिष्क रेखा का मुड़ा हुआ होना।

# उपदेशक (Preacher) –

- कनिष्ठिका अँगुली (बुध वाली अँगुली) का अनामिका के नाखून को छूना।

- बुध पर्वत पर त्रिभुज का निशान होना।

- मस्तिष्क रेखा स्पष्ट, सुन्दर होने के साथ साथ लम्बी हो।

# शराबी (Drunker or Addict) – 

- चन्द्र पर्वत का अधिक उठा हुआ होना।

- किसी रेखा का जीवन रेखा से शुक्र पर्वत तक जाना या शुक्र पर्वत को छूना।

# भविष्यवक्ता (Soothsayer or predictor) – 

- सूर्य-रेखा का स्पष्ट व सुन्दर दिखाई देना।

- बुध पर्वत व चन्द्र पर्वत अच्छे होना।

- चन्द्र स्थान उन्नत या प्रबल हो और उस पर रेखाएँ उपस्थित हों। 

# पतिव्रता स्त्री (virtuous wife) –

- गुरु पर्वत का स्पष्ट और उन्नत या प्रबल होना।

- अनामिका अँगुली के प्रथम पर्व पर क्रॉस का निशान होना।

- गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान होना।

- मंगल-रेखा का हथेली पर उपस्थित होना।

# धर्माचार्य (Dharmacharya or canonist) –

- चन्द्र पर्वत और शुक्र पर्वत प्रबल या उन्नत होना।

- कनिष्ठिका अँगुली के प्रथम पर चक्र का निशान होना।

- कनिष्ठिका का प्रथम पोर या पर्व लम्बा होना।

- हृदय रेखा का गुरु व शनि पर्वत को छूना।

- सूर्य रेखा का सुन्दर और स्पष्ट दिखाई देना। 

# आध्यात्मिक जीवन (Spiritual life) – 

- अंगुलियों का स्पष्ट व सुन्दर होना।

- हाथ के हथेली पर चतुष्कोण या त्रिकोण का चिन्ह होना।

- गुरु पर्वत का स्पष्ट व सुन्दर दिखना।

- मंगल रेखा का स्पष्ट दिखाई देना।

- तर्जनी अँगुली के प्रथम पर्व या पोर पर क्रॉस का निशान दिखना।

# धार्मिक जीवन (Religious life) – 

- अँगुली के मध्य पर्व का बड़ा होना।

- मध्यमा अँगुली का सामान्य से अधिक लम्बा होना।

- शनि और शुक्र पर्वत का उन्नत या प्रबल होना और साथ ही स्पष्ट होना।


 


Author : Read Rife

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