आदर्शवादी हाथ दिखने में सुन्दर और सामान्य की तुलना में भारी होता है इसकी लम्बाई ज्यादा होती है। अगर इन हाथों की अँगुलियों की बात की जाये तो ये नाखून की तरफ पतली और नीचे तरफ मोटी होती है। नाखून लम्बे होते हैं सूर्य, शनि, बुद्ध व गुरु की प्रधानता होती है।
आदर्शवादी हाथ (Idealistic Hands) वाले व्यक्तियों का स्वाभाव –
- आदर्शवादी हाथ वाले लोगों की कल्पनाशक्ति अधिक होती है।
- ऐसे लोग अपने सिद्धांत के पक्के होते हैं और समाजसेवी, देशप्रेमी, धार्मिक प्रवृत्ति वाले, बुद्धिमान, शांत स्वाभाव के, संतोषी और इष्ट साधना में विशेष सफल एवं लगनशील होते हैं।
- ये लोग अधिकतर इंजीनियर, पत्थर या जवाहरात का कार्य करने वाले, सफल ठेकेदार, लेखक, साहित्यकार, अनुसंधानकर्ता, सेना में उच्च पद पर रहने वाले आदि होते हैं।
1. बृहस्पति, शनि और सूर्य प्रधान व्यक्ति अत्यधिक आत्मसम्मानी तथा अपने सिद्धांतानुसार कार्य करने वाले होते हैं। ये सहसा किसी पर भी विश्वास नहीं करते, जिसके फलस्वरूप इनके हर क्षेत्र में अड़चने आती रहती हैं। ये सफल अनुसंधानकर्ता, न्यायधीश एवं साहित्यकार होते है।
2. शनि, सूर्य व बुद्ध प्रधान हो तो व्यक्ति गणितज्ञ, खोज करने वाला, मन की बात समझने वाला और सिद्धांत का पक्का होता है। ऐसे व्यक्ति कार्य करने से पहले उस पर मनन करते हैं फिर उस पर अपने विचार व्यक्त करते हैं इस वजह से इनके विचारों में मतभेद नहीं मिलता।
3. सूर्य व बुद्ध प्रधान हो तो व्यक्ति इंजीनियर और गणितज्ञ होता है।
4. अगर बृहस्पति की अँगुली (तर्जनी या अंगूठे के बगल वाली) बड़ी हो और बुद्ध प्रधान हो तो व्यक्ति साझेदारी में व्यापार करता है। ऐसे व्यक्तियों का जिससे भी सम्बन्ध बन जाये तो उसे आखिरी समय तक निभाता है वह इसमें लाभ या हानि की चिंता नहीं करता।
5. यदि हथेली का रंग गुलाबी और इसके सभी पर्वत उभरे हुए हैं तो व्यक्ति देशप्रेमी और सिद्धांतनिष्ठ होता है और इन्ही सिद्धांतों के कारण वह किसी से भी अपना संबध तोड़ देता है।
6. सूर्य व बृहस्पति की अँगुली बराबर और शनि व बुध प्रधान हो तो व्यक्ति विशेष रूप से इष्ट साधनों में सफल होता है।
7. शुक्र या चन्द्र प्रबल हो तो व्यक्ति की कल्पनाशक्ति अधिक होती है। वासनाप्रिय, जिद्दी, अत्यधिक कल्पनाशील और गरम स्वाभाव की वजह से ये अपने ही कार्य में अड़चन पैदा करते हैं और इस वजह से इनके कार्य समय पर पूरे नहीं हो पाते। ऐसे व्यक्ति अत्यधिक कल्पनाशील और विचार करने वाले होते है इसलिए इनको मस्तिष्क से सम्बंधित रोग बने रहते हैं जैसे सर दर्द आदि।
8. यदि सूर्य, गुरु व चन्द्र प्रधान हो और हाथ की रेखाएँ स्पष्ट रूप से दिखे तो ऐसे लोग धर्मक्षेत्र में दान करने वाले, भवन-निर्माणक और अच्छे वक्ता होते हैं ये लोग स्वयं बुद्धि से ही कार्य करते हैं। इन्हें ख्याति और सम्मान दोनों मिलते हैं और ये अच्छे साहित्यकार और उपदेशक होते हैं।
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