हस्त रेखा विज्ञान या हस्त रेखाशास्त्र में अँगुलियों के नाखून की बनावट, रंग, चमक व्यक्ति से सम्बंधित मानसिक क्रियायों, दुर्बलताओं व उसके स्वास्थ्य के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है क्योंकि नाखूनों का आकर, बनावट, रंग, नाखून पर पाए जाने वाले छोटे-छोटे सफेद और काले निशान, नाखून की चमक, और नाखून पर पाई जाने वाली धारियां आदि शरीर के खनिज पदार्थ, रक्त के स्तर और हार्मोन की मात्रा पर निर्भर करते हैं। इसलिए नाखूनों के आधार पर भी व्यक्ति के गुण दोषों का अध्ययन किया जाता है।
नाखून के प्रकार – बनावट और आकार के आधार पर नाखून मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं –
1. लम्बे नाखून (Long Nails)
2. छोटे नाखून (Short Nails)
3. चौड़े नाखून (Wide Nails)
4. संकरे नाखून (Narrow Nails)
1. लम्बे नाखून (Long Nails) – इनकी लम्बाई, नाखून की चौड़ाई की अपेक्षा ज्यादा होती है और दिखें में लम्बे होते है ऐसे नाखून वाले लोग कल्पनालोक में रहते हैं। इनमे प्रशासन क्षमता और कलात्मक प्रवृत्ति तो अच्छी होती है पर ये उसे अभिव्यक्त नहीं कर पाते। इनकी शारीरिक शक्ति सामान्यतः कमजोर होती है। यदि नाखून पर कड़ी लकीरें हैं तो व्यक्ति को फेफड़ों से सम्बंधित रोग है।
2. छोटे नाखून (Short Nails) – छोटे नाखून की लम्बाई कम होती है और चौड़ाई ज्यादा होती है और अँगुली की पूरी चौड़ाई घेरते हैं। अगर नाखून छोटा है तो व्यक्ति सहनशील नहीं होता और अहंकार की भावना ज्यादा होती है। ये फालतू के विवाद करते रहते हैं और स्नायु या हृदय सम्बन्धी रोग से पीड़ित होते हैं।
3. चौड़े नाखून (Wide Nails) – चौड़े नाखून उन्हें कहते हैं जिनकी लम्बाई और चौड़ाई दोनों बहुत अधिक होती हैं। ऐसे नाखून वाले व्यक्ति व्यवहार के अच्छे, अपनापन की भावना रखने वाले और निःस्वार्थी होते हैं।
4. संकरे नाखून (Narrow Nails) – जब नाखून देखने में बहुत छोटे होते हैं लम्बाई और चौड़ाई दोनों ही बहुत कम होती हैं तो इन्हें संकरे नाखून माना जाता है। इस तरह के नाखून वाले लोग व्यर्थ धन खर्च करते रहते हैं और इनको किसी के अधीन रह कर कार्य करना पसंद नहीं होता। इनको रीढ़ की हड्डी (Backbone) की समस्या से परेशान रहते हैं।
कई लोगों के नाखूनों पर अधिकतर काले और सफेद दाग देखने को मिलते हैं। इन दागों का अँगुलियों पर होना अलग-अलग अँगुली पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। अधिकतर काले दाग का नकारात्मक और सफेद दाग का सकारात्मक प्रभाव होता है।
महत्वपूर्ण बात – अगर दाग नाखून के अगले हिस्से पर हो तो भूतकाल के सूचक होते हैं, मध्य भाग में होने पर वर्तमान के सूचक और यदि सबसे नीचे भाग में हैं तो भविष्य के सूचक होते हैं।
- अगर तर्जनी पर सफेद दाग है तो व्यक्ति को यश और सम्मान प्राप्त होता है और यदि काला दाग है तो व्यक्ति यशी नहीं होता और नीच प्रवृत्ति का होता है।
- मध्यमा पर सफेद दाग देश-विदेश भ्रमण को बताता है और मध्यमा पर काला दाग होने पर व्यक्ति में मृत्यु का भय बना रहता है।
- अनामिका पर सफेद दाग लाभ व प्रतिष्ठा में वृद्धि और काल दाग होने पर अपकीर्ति व नुकसान को दर्शाता है।
- कनिष्ठिका पर सफेद दाग जहाँ लाभ व सहयोग प्राप्ति को दिखाता है वहीँ काला दाग हानि और व्यसन को बतलाता है।
- अंगूठे पर सफेद दाग होने पर व्यक्ति की प्रीति में प्रद्धि लाभ मिलता है और काला दाग होने पर व्यक्ति व्यर्थ का व्यय करता है व अशांत रहता है।
अगर नाखून पर खड़ीं धारियां (ऊपर से नीचे की ओर) दिखाई दें तो व्यक्ति शारीरिक कष्ट से परेशान रहता है और फेफड़ों से सम्बंधित समस्या से परेशान होता है। यदि नाखून पर बनी धारियां आड़ी (वाएं से दायें की ओर) हों तो यह व्यर्थ की शारीरिक और मानसिक अस्थिरता दर्शाती हैं। ह्रदय व रक्तचाप(Blood presure) सम्बन्धी रोगों के होने की सम्भावना ज्यादा होती है।
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