बुध-पर्वत धन-वैभव, प्रताप, हँसमुख स्वाभाव, रजोगुण, गणित का ज्ञान, बुद्धिमत्ता, विद्वत्ता, विज्ञान, वाणिज्य, और देशाटन से प्रेम, विचारों में चंचलता, कला प्रेम, सौन्दर्य-प्रियता, यशप्राप्ति, विनोदी स्वाभाव व महत्वाकांक्षाओं आदि का सूचक होता है।
इस पर्वत का प्रभाव अच्छा होने पर व्यक्ति शरीर से दुबला, तर्कशक्ति में मजबूत, साफ बोलने वाला, लोगों के स्वाभाव को पहचानने वाला, डॉक्टर, व्यावसायिक काम वाला, जनसेवक व खोजकरता होता है।
अगर इसका विपरीत प्रभाव हो तो व्यक्ति झूठा, हठी, ढोंगी और सभी कामों में विवाद व झगड़ा करने वाला होता है।
# बुध-पर्वत का अत्यधिक उन्नत होना अच्छा नहीं होता ऐसे पर्वत वाला व्यक्ति भाग्य-परीक्षक खेलों में ज्यादा लगा रहता है और फालतू की बातों में ज्यादा रूचि रखता है और कभी भी सामाजिक मर्यादा का ध्यान नहीं रखता।
# यदि यह पर्वत सामान्य रूप से उभरा हो तो व्यक्ति किसी भी तरह के काम को करने के लिए तैयार और आर्थिक दृष्टि से सक्षम होता है। ऐसे व्यक्ति की तर्कशक्ति और बुद्धि दोनों अच्छे होते हैं। ये कुशल व्यापारी होते हैं।
# इस पर्वत का चिपटा होना या बताता है कि व्यक्ति अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं होने देता और फालतू में धन और समय दोनों ख़राब करता है। ऐसे पर्वत वाला व्यक्ति भोला-भाला और निश्छल होता है।
# सूर्य पर्वत की तरफ बुध-पर्वत का झुकाव होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति कुशल चिकित्सक, कलाकार, बुद्धिमान, वकील होता है और या सुखद वातावरण को पसंद करता है व हर क्षेत्र में सफल होता है। ऐसे व्यक्ति व्यवहार कुशल व विनोद-प्रिय होते हैं।
# बुध-पर्वत अच्छा उभर लिए हो और इसके साथ ही-
- कनिष्ठिका अँगुली का सिरा नुकीला हो तो व्यक्ति व्यावसायिक क्षेत्र में अपना प्रभुत्व कायम रखते हुए अच्छा व्यापार करता है।
- कनिष्ठिका अँगुली का सिरा वर्गाकार हो तब व्यक्ति में तर्कशक्ति अच्छी होती है और ये किसी यूनियन के नेता या सफल वकील होते हैं।
- कनिष्ठिका अँगुली का सिरा चपटा होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति में भाषण देने की क्षमता अधिक है और उसे जीवन में अकस्मात लाभ और सफलता मिलेगी।
- कनिष्ठिका अँगुली का गांठदार होना यह बतलाता है कि व्यक्ति चतुर और अपने विचारों का धनी है अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए वह कैसा भी व्यवहार कर सकता है।
# बुध-पर्वत उन्नत होने के साथ यदि-
- चन्द्र-पर्वत उन्नत हो तो व्यक्ति यात्रा करना पसंद करता है और उसके विचारों में स्थिरता नहीं होती।
- शुक्र-पर्वत भी उन्नत है तोव्यक्ति प्रीति के मामलों में सफल, यौन संबंधो में कुशल और धनी होते हैं।
- मंगल-पर्वत का भी उन्नत होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति उग्र स्वभाव का है और वह नियम विरुद्ध कार्य करने में पीछे नहीं हटेगा।
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