Surya Parvat in Palmistry

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हस्त रेखा शास्त्र में सूर्य पर्वत
(Surya Parvat in Palmistry)


सूर्य-पर्वत प्रतिष्ठा, राज्य सम्मान, स्वाभिमानी प्रवृत्ति, धार्मिकता, विद्या साहित्य में रूचि, लेखन-प्रवृत्ति कलात्मक प्रवृत्ति, आत्मा और पिता का प्रभाव, सम्पत्ति, प्रभुत्व की भावना, पराक्रम, विद्वत्ता आदि का सूचक होता है।

अगर इस पर्वत का प्रभाव अच्छा हो तो व्यक्ति चौकोर शरीर वाला, स्वाभिमानी, सत्वगुणी किंचित लालिमायुक्त तेजस्वी आँखों वाला होता है। इनका शरीर गेहूंआं रंग का होता है। इनको 22 से 24 वर्ष की आयु में शुभ फल प्राप्त होता है।

और अगर सूर्य-पर्वत का प्रभाव बुरा हो तब व्यक्ति विलासी, घमंडी, निर्दयी, मंदबुद्धि, कान से कम सुनने वाला व लालची होता है।


सूर्य पर्वत के गुण-दोष
(Merits and Demerits of Surya Parvat)(RA)


# सूर्य-पर्वत का अत्यधिक उन्नत होना अच्छा गुण नहीं माना जाता क्योंकि ऐसा व्यक्ति अत्यधिक आत्मसम्मानी स्वाभाव के कारण कई अच्छे अवसर गवा देता है झुकना पसंद नहीं करता और अपने विचारों के अनुसार कार्य करना पसंद करता है परिणामस्वरूप उसके कार्यों में परेशानियाँ आती रहती हैं। वह किसी कार्य में जल्दी सफल नहीं न होने पर उस कार्य को अधुरा छोड़ देता है और उसे सफलता हाथ नहीं लगती।

# इस पर्वत का सामान्य रूप से उन्नत होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति स्पष्टवादी है और स्वयं की बुद्धि से काम को करने वाला यशस्वी व सद्गुणी है। लेकिन ये वैवाहिक जीवन में सुखी नहीं होते। स्त्रीपक्ष के लिए ऐसी स्थिति लाभदायक और अनुकूल होती है परन्तु स्वाभाव में स्थिरता नहीं रहती।

# यदि यह पर्वत समतल हो तो व्यक्ति स्वयं के विचारों में खोया रहता है और घमंडी व सामान्य वित्त का होता है। सभी कार्य-क्षेत्रों में ये सामने वाले व्यक्ति को खुद से कमजोर समझता है। लेकिन यदि सूर्य-रेखा अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति खुद को परिस्थितिओं के अनुसार समायोजित कर लेता है इसी कारण सूर्य-पर्वत के बुरे गुणों का असर कम हो जाता है।   

# सूर्य-पर्वत का झुकाव

- बुध-पर्वत की ओर होने पर व्यक्ति की अनुसन्धान में विशेष रुचि होती है और व्यावहारिक होता है। व्यापारिक और अपने कार्यक्षेत्र में सफल होता है।

- शनि-पर्वत की तरफ होने पर व्यक्ति परोपकारी, धर्मात्मा, साहसी, निर्भय और सूझबूझ से कार्य करने वाला होता है।

# सूर्य के साथ अगर

- बुध-पर्वत भी उन्नत हो तब व्यक्ति सफल लेखक, व्यवसायी, समाजसेवी, बुद्धिमान, भावुक, धनी, अच्छा वक्ता और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता को प्राप्त करने वाला होता है।

- मंगल पर्वत भी उन्नत हो तो उस व्यक्ति का भाग्योदय जन्मस्थान से बाहर ही होता है और जीवन में विदेश यात्रायें अधिक करता है। ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान, धनी, बड़ी सम्पति के मालिक, साहसी, शिल्पज्ञ और अच्छे साहित्यकार होते हैं।

- चन्द्र-पर्वत भी उन्नत स्थिति में हो तो व्यक्ति को ललित कलाओं के क्षेत्र में विशेष रूप से सफलता मिलती है। अपने कार्य को प्राथमिकता देता है अतः इनका पारिवारिक जीवन सुखद नहीं होता। इनकी कल्पनाशक्ति तेज होती है।

- शुक्र-पर्वत भी उन्नत होना या दर्शाता है कि व्यक्ति अलग-अलग कलाओं का ज्ञान रखता है और वह एक सफल व्यापारी, शांतिप्रिय, स्त्रीपक्ष से लाभ प्राप्त करने वाला है और सुखद वातावरण में जीना पसंद करता है।


 

Author : Read Rife

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