आजकल लोगों के मन में घर बनाने या खरीदने के पहले सबसे बड़ा सवाल यही आता है कि घर का मुख्य द्वार किस दिशा में है। व्यक्तियों के मन में या सबसे बड़ा भ्रम है कि दक्षिण-मुखी द्वार वाले घर कभी भी अच्छे नहीं होते। यहाँ हम बतायेंगे कुछ South Facing House Vastu in Hindi जो आपके बहुत काम आने वाले है।
जो लोग दक्षिण मुख वाले घर में रहते हैं तो उन लोगों के मन का यह भ्रम हमेशा उनको परेशानी में डाले रहता है कि दक्षिण मुखी घर है अशुभ है इसी वजह से घर में समस्याएं आ रही हैं आदि। अगर ऐसा होता तो सभी South Facing house वाले व्यक्ति परेशान सभी शुभ दिशाओं जैसे north facing, west facing आदि वाले व्यक्ति हमेशा खुश रहते। यहाँ हम आपको कुछ ऐसे वास्तु टिप्स बताने वाले है जिनकी मदद से South Facing House Vastu बदल जायेगा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढेगा और घर में सुख शांति आएगी।
वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार बहुत महत्वपूर्ण होता है इसका सही दिशा में सही तरीके से बना होना व सही रंग से रंगा होना बहुत आवश्यक है।
दक्षिण मुखी घर होने पर घर के मुख्य प्रवेश द्वार को ऐसी जगह बनवाएं कि अगर आप घर के अन्दर द्वार की तरफ मुख कर के खड़े हों तो मुख्य द्वार आपके मध्य से बाईं तरफ (Left Side – दक्षिण-पूर्वी कोने की तरफ) हो अर्थात बीच में या दायीं ओर न लगवाएं। ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और जीवन खुशहाल होगा।
इसके अलावा घर का मुख्य द्वार, घर के बांकी द्वारों से बड़ा होना चाहिए और जिसके खुलने की दिशा अन्दर की ओर व घड़ी की दिशा(clockwise) में होना चाहिए।
घर के मुख्य द्वार पर चौखट (Threshold, दहलीज, देवरी या डेवढ़ी) जरूर लगवाना चाहिए और ध्यान रहे कि कभी भी मुख्य द्वार में कुछ टूटा या ख़राब न हो इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
वास्तु के अनुसार माना जाता है कि दक्षिण-पूर्व दिशा वाला प्रवेश द्वार परिवार की महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इसके लिए आपको लाल(red) या भूरे(brown) या नारंगी(orange) जैसे रंगों का उपयोग इस दिवार को रंगने के लिए उपयोग करना चाहिए।
वास्तु के अनुसार पश्चिम और दक्षिण की दीवारों की लम्बाई और चौड़ाई हमेशा उत्तर व पूर्व दिशा की दीवारों से अधिक होना चाहिए ये वास्तु दोष को दूर करने का कारगर उपाय है।
पूजा घर बनाने के लिए आप उत्तर-पूर्व का हिस्सा चुने। पूजा घर के लिहाज से यह दिशा बहुत शुभ मानी जाती है। अगर आपके घर में जगह कम है और पूजा घर के लिए अलग से स्थान नहीं दिया जा सकता तो आप इसे लिविंग रूम (जो कि उत्तर पूर्व दिशा में हो) में एक छोटे पूजा घर का निर्माण करें।
घर का रसोई घर ऐसा हो कि जब आप उसमे खाना बना रहे हों तो आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ हो और अगर घर में रसोई घर के स्थान की बात की जाये तो South Facing House Vastu के अनुसार इसके लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व या पश्चिम होती है। इसका असर परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
South Facing घरों में गेस्ट रूम (Guest Room) या अतिथियों के लिए रूम घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें या वास्तु के अनुसार शुभ होता है।
गेस्ट रूम की तरह ही बच्चों के लिए कमरा भी उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए। अगर इस दिशा में जगह न हो और आप बच्चों के लिए अलग से कमरा बनाना चाहते हैं तो आप इसके लिए दक्षिण या पश्चिम दिशा का भी चुनाव कर सकते हैं।
वास्तु के अनुसार South Facing घरों में उत्तर-पूर्व दिशा वाला हिस्सा लिविंग रूम के लिए सबसे अच्छा माना जाता है इसके लिए आप इस दिशा को चुन सकते हैं।
South Facing house में अगर घर में एक से ज्यादा मंजिलें है तो मास्टर बेडरूम हमेशा सबसे ऊपर वाली मंजिल पर होना चाहिए अगर इसके लिए दिशा की बात की जाये तो सबसे अच्छी दिशा दक्षिण-पश्चिम मानी जाती है तो मास्टर बेडरूम हमेशा इसी दिशा बनवाएं या फिर इसको पूर्व या पश्चिम दिशा में भी बना सकते हैं।
ऐसे घरों के सामने कोई भी टैंक, बोरबेल या कुआँ नहीं होना चाहिए जिनका मुख्य द्वार दक्षिण की तरफ (South Facing House) हो। इसके लिए आप अपने घर को दिखा कर किसी वास्तु विशेषज्ञ की सलाह भी ले सकते हैं।
South Facing House Vastu के अनुसार घर में बगीचा बना रहे हैं तो इसको दक्षिण-पूर्व या दक्षिण दिशा में बनायें किसी अन्य दिशा में न बनायें।
दक्षिण मुखी घरों में उत्तर और पूर्व दिशा में खुला एरिया ज्यादा होना चाहिए जैसे बड़ी खिड़की, छज्जा(balcony) आदि इस से आपके घर में सूर्य की किरणें और रौशनी प्रवेश करेगी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहेगा। इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि कभी भी दक्षिण या पश्चिम दिशाओं में ज्यादा खुला स्थान नहीं होना चाहिए।
घर में अगर सीढियाँ हैं तो इनको South Facing House Vastu के अनुसार दक्षिण के कोने में होना चाहिए
लाल(red) या भूरे(brown) या नारंगी(orange) जैसे रंगों का उपयोग घर की सभी दीवारों पर करें पर ध्यान रहे कि अगर आप सभी दीवारों पर इन रंगों का उपयोग कर रहे हैं तो या तो हल्के रंगों का प्रयोग करें या फिर दीवारों को पूरे तरीके से इन रंगों से न रंगते हुए कुछ हिस्सों में इन रंगों का प्रयोग करें।
• इसके अलावा आपके घर में गाड़ी खड़ीं करने की जगह(Car Parking), पानी का पम्प, सेप्टिक टैंक आदि दक्षिण-पश्चिम में नहीं होना चाहिए।
• दक्षिण दिशा का भाग उत्तर दिशा से हमेशा ऊँचा होना चाहिए।
• मुख्य द्वार के दोनों तरफ (अन्दर और बाहर) गणेश जी की छोटी प्रतिमाएं लगायें ध्यान रखें की गणेश जी की सूंड दक्षिणावर्ती होना चाहिए।
• घर के पूजा वाले स्थान पर “श्री हनुमंतयन्त्र” रखें।
• दक्षिण मुखी द्वार पर एक “श्री मंगलयन्त्र’ लगायें” जो तांबे का बना हो।
• अगर आपका घर पहले से बना हुआ है और उसमे वास्तु दोष है तो इसके लिए आप चिंता न करें और वास्तु विशेषज्ञ से मिले वो आपको कुछ ऐसे उपाय बतायेंगे जिनकी मदद से बिना घर में तोड़फोड़ किये घर के वास्तु दोषों को ख़त्म कर सकते हैं।
अगर आप ऊपर दिए गए South Facing House Vastu नियमों का पालन करते हैं और किसी वास्तु विशेषज्ञ की सहायता से आप दक्षिण मुखी घर को भी सुख-सम्रद्धि देने वाला बना सकते हैं और इसके साथ ही आपको सलाह दी जाती है कि दक्षिण मुखी घरों के बारे में जो भ्रम (confusion) या मिथक लोगों के मन में है उसे हावी न होने दें क्यों कि सभी दिशाओं वाले घर शुभ नहीं होते है न ही सभी दिशाओं वाले घर अशुभ होते हैं वास्तु के अनुसार घरों का निर्माण करें।
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